कोरोना वायरस के कारण से पूरे देश में लॉकडाउन है और फसलों की कटाई का काम सही तरह से नहीं हो पा रहा है. इसी बीच उत्तर भारत में बारिश, तूफान और ओलावृष्टि से भी काफी किसानों को नुकसान पहुंचा है. इसी बीच, बुंदेलखंड के एक किसान परिवार ने सूखी जमीन पर केसर की खेती कर राहत भरी खबर दी है. आमतौर पर बुंदेलखंड अपने सूखाग्रस्त इलाके के लिए जाना जाता है. लेकिन इस किसान परिवार ने केसर की खेती कर बुंदेलखंड के किसानों के लिए नई आस जगा दी है.
(बुदेलखंड के जालौन के माधौगढ़ तहसील के ग्राम सिरसा दोगड़ी में एक किसान परिवार ने अपनी दो बीघा जमीन में केसर की खेती की और उसने करीब डेढ़ कुंतल केसर उगाई. केसर की खेती के जानकार की माने तो बाजार में इसकी कीमत करीब 35 लाख रुपए है. इससे किसान को बड़ा फायदा होने की उम्मीद की जा रही है.
बुंदेलखंड में ऐसा चमत्कार देखकर किसान और खेती के जानकार हैरान हैं. क्योंकि केसर की खेती कश्मीर में होती है. लेकिन केसर की खेती बुंदेलखंड की मिट्टी में भी हो सकती ये सोचकर जनपद के किसान बेहद उत्साहित हैं और उन्हें ऐसा लगने लगा है कि शायद उनको भगवान ने संजीवनी प्रदान की है. जिससे वह अपनी परेशानियों और कर्ज को आसानी से चुका सकते हैं.
(किसान के इस सफल प्रयास पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन बताते है किसान ने केसर की खेती करके सबको चकित कर दिया है. इस परिवार ने बुंदेलखंड के किसानी की आन बान शान को बढ़ाया है, हमें ऐसे किसान पर गर्व है. हम सरकार से मांग करते है कि अगर बुंदेलखंड में किसानों की हालत को सुधारना है. ऐसे लोगों को बीज और बाजार उपलब्ध कराना चाहिए. जिससे बुंदेलखंड का किसान वो करके दिखाएगा जो दुनिया देखेगी.
(किसान रवि कुमार और रामबली सिंह का कहना है कि केसर को ऑर्गैनिक तरीके से उगाया गया है. इसमें गोबर की खाद डाली गई है. केसर की बिक्री से पहले दिल्ली की स्टैंडर्ड एनालिटिकल लैबोरेटरी में इसकी गुणवत्ता की जांच होनी बाकी है.